ठेठ गंवई अंदाज में आषाढ सावन रोपनी के भाव में प्रस्तुत बा लोकगायक शैलेंद्र मिश्र के गीत
गाना
पारंपरिक छठ गीत
उगऽ हो सुरुज देव..
देवी
मारबो हो सुगवा धनुष से
अनुराधा पोडवाल
पटना के घाट पर देबेलू अरघिया हो केकरा लागी
भरत शर्मा व्यास
अन धन दिहलू रतनवा
मोहन राठौर
काँच ही बाँस के बहँगिया, बहँगी लचकत जाय..
मनोज तिवारी
काँच ही बाँस के बहँगिया, बहँगी लचकत जाय..
कल्पना पटवारी
फूटी फूटी भोरही से रोए
पवन सिंह
सोनवा के पिंजरा में बन्द भइल हाय राम चिरई के जियरा उदास
पिपरा के पतवा सरीखे डोले मनवा..
देवी गीत – राउर बघवा जे…
झिमि झिमि बहेला बयरिया
धड़केला धक धक छतिया, देखऽ हाली हाली
पाठक पाठिका लोग से निहोरा बा कि एह गीत के कुछ लाइन ठीक से नइखे सुनात. अगर रउरा में से केहू एह लाइनन के पूरा कर देव त बहुते खुशी होखी. गाना सुने लायक बा, शृंगार रस का बावजूद फूहड़ नइखे. अइसन गीतन के प्रशंसा होखे के चाहीं.
बोलेला देख के कजरा
बोलेला देख के कजरा
बोले होठ लाली
हाय राम
बोलेला देख के कजरा
बोले होठ लाली
ए मोरे रजऊ हो
ए मोरे रजऊ हो
कब ले बनइबऽ घरवाली
ए मोरे रजऊ हो
कब ले बनइबऽ घरवाली
क दिहनी तोहरे नामे
जवानी के जानमा
क दिहनी तोहरे नामे
जवानी के जानमा
सनेहिया के सुर में बाटे
हाथ के कँगनवा
हाथ के कँगनवा
……
रुप चमके तू
……
धड़के बोलेला ई धड़कन
शरम के रहिया ई हरदम
धड़केला धक धक छतिया
धड़केला धक धक छतिया
देख हाली हाली
हाय राम
देख हाली हाली
ए मोरे रजउ हो
मोरे करेजउ हो
कब ले बनइबऽ घरवाली
ए मोरे रजउ हो
कब ले बनइबऽ घरवाली
कतनो लगाईं ना लागे
तोहरा बिना मनवा
केतनो लगाईं केतनो लगाईंकेतनो लगाईंकेतनो लगाईं
ना लागे
तोहरा बिना मनवा
फँस गइल तोहरे में ही
हमरे परनवा
हमरे परनवा
एक दिन बनबू तू दुलहन
एक दिन बनबू तू दुलहन
बनल रही चाहत के मौसम
दुलहा बन के आइब दुअरा
दुलहा बन के आइब दुअरा
बाजी शहनाई
हाय राम बाजी शहनाई
ए मोरे रानी हो
ए दिलबर जानी हो
डोली तोहर हमरे घर आई
ए मोरे रानी हो
डोली तोहर हमरे घर आई
सत्यमेव जयते फिलिम के गीत
बैनर इरोस इंटर नेशनल
निर्माता अनिल सिंह
निर्देशक बबलू सोनी
कलाकार रविकिशन, अक्षरा सिंह
गायक गायिका ??
संगीतकार राजेश रजनीश
आवऽ बीबी तोहार गरमी छोड़ा दीं, दम बाटे हमरा में कतना बता दीं
फिलिम पंचायत के गाना
गायक सिद्धांत माधव
कलाकार विराज भट्ट आ काजल राघवानी
संगीतकार गुणवंत सेन
निर्देशक फिरोज खान
निर्माता एम इम्तियाज खान
संगीत एसआरके म्यूजिक पर