ठेठ गंवई अंदाज में आषाढ सावन रोपनी के भाव में प्रस्तुत बा लोकगायक शैलेंद्र मिश्र के गीत
गायक गायिका
पारंपरिक छठ गीत
उगऽ हो सुरुज देव..
देवी
मारबो हो सुगवा धनुष से
अनुराधा पोडवाल
पटना के घाट पर देबेलू अरघिया हो केकरा लागी
भरत शर्मा व्यास
अन धन दिहलू रतनवा
मोहन राठौर
काँच ही बाँस के बहँगिया, बहँगी लचकत जाय..
मनोज तिवारी
काँच ही बाँस के बहँगिया, बहँगी लचकत जाय..
कल्पना पटवारी
फूटी फूटी भोरही से रोए
पवन सिंह
पिपरा के पतवा सरीखे डोले मनवा..
देवी गीत – राउर बघवा जे…
झिमि झिमि बहेला बयरिया
आवऽ बीबी तोहार गरमी छोड़ा दीं, दम बाटे हमरा में कतना बता दीं
फिलिम पंचायत के गाना
गायक सिद्धांत माधव
कलाकार विराज भट्ट आ काजल राघवानी
संगीतकार गुणवंत सेन
निर्देशक फिरोज खान
निर्माता एम इम्तियाज खान
संगीत एसआरके म्यूजिक पर
लूटऽ बहार होली के
ससुरा में सईंया बकलोल
खेसारीलाल यादव
छाती से लगा के राखब नियर, अब त आजा डियर
कल्पना पटवारी के गावल पुरबी